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Ayodhya ram mandir ;जानिए इसके विवाद और इत्तिहास के बारे में |

Ayodhya ram mandir

Ayodhya ram mandir इत्तिहास

राम मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। उन्होंने रावण का वध किया और फिर अयोध्या में लौट आए। उन्होंने यहां अपना राज्य स्थापित किया और रामराज्य की स्थापना की।

राम मंदिर का पहला उल्लेख रामायण में मिलता है। रामायण एक प्राचीन हिंदू महाकाव्य है जो भगवान राम की कहानी बताता है। महाकाव्य में, राम मंदिर को एक भव्य और सुंदर मंदिर के रूप में वर्णित किया गया है।Ayodhya ram mandir

राम मंदिर का निर्माण पहली बार 9वीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर का निर्माण राजा रामचंद्र के वंशज, राजा लव और कुश ने किया था। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया था और यह अयोध्या में एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन गया।

16वीं शताब्दी में, मुगल सम्राट बाबर ने राम मंदिर को ध्वस्त कर दिया। बाबर ने राम मंदिर को एक मस्जिद में बदल दिया, जिसे बाबरी मस्जिद कहा जाता है।

Ayodhya ram mandir **आधुनिक युग**

1980 के दशक में, राम मंदिर को फिर से बनाने की मांग उठने लगी। हिंदू समूहों ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने की मांग की। 1992 में, हिंदू समूहों ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया। इस घटना से भारत में सांप्रदायिक दंगे हुए।

 

1993 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर का निर्माण करने का आदेश दिया। मंदिर का निर्माण 2023 में शुरू हुआ और 2025 में पूरा हुआ।

Ayodhya ram mandir **मंदिर का निर्माण**

राम मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर का निर्माण 3 मंजिलों में किया गया है। पहली मंजिल में गर्भगृह है, जहां भगवान राम की मूर्ति स्थापित है। दूसरी मंजिल में रामायण की कहानियों को चित्रित करने वाले भित्ति चित्र हैं। तीसरी मंजिल में एक भव्य हॉल है, जहां दर्शनार्थी आ सकते हैं।मंदिर का निर्माण 500 से अधिक कारीगरों ने किया था। मंदिर का निर्माण 2023 में शुरू हुआ और 2025 में पूरा हुआ।

**मंदिर का भविष्य**

राम मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। मंदिर का निर्माण भारत में एक ऐतिहासिक घटना है। मंदिर का निर्माण भारत में सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकता है।

 

मंदिर के भविष्य के लिए कई योजनाएं हैं। मंदिर के परिसर में एक संग्रहालय, एक पुस्तकालय और एक शिक्षण संस्थान बनाया जाएगा। मंदिर के आसपास एक पार्क और एक तालाब भी बनाया जाएगा।

 

**राम मंदिर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थल है और भारत में सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।**

Ayodhya ram mandir **इतिहास में राम मंदिर का महत्व**

SOURCE HT PRINT

राम मंदिर हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थल है। यह माना जाता है कि भगवान राम का जन्म इसी स्थान पर हुआ था। राम मंदिर हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।

 

राम मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। उन्होंने रावण का वध किया और फिर अयोध्या में लौट आए। उन्होंने यहां अपना राज्य स्थापित किया और रामराज्य की स्थापना की।

 

राम मंदिर का पहला उल्लेख रामायण में मिलता है। रामायण एक प्राचीन हिंदू महाकाव्य है जो भगवान राम की कहानी बताता है। महाकाव्य में, राम मंदिर को एक भव्य और सुंदर मंदिर के रूप में वर्णित किया गया है।

 

राम मंदिर का निर्माण पहली बार 9वीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर का निर्माण राज Ayodhya ram mandir

Ayodhya ram mandir **अयोध्या राम मंदिर विवाद**

अयोध्या राम मंदिर विवाद भारत का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और राजनीतिक विवाद है। यह विवाद इस बात को लेकर है कि अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद का निर्माण किस स्थान पर हुआ था। हिंदू समुदाय का मानना है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण भगवान राम के मंदिर के खंडहरों पर किया गया था। मुस्लिम समुदाय का मानना है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण एक खाली स्थान पर किया गया था।

यह विवाद 16वीं शताब्दी में शुरू हुआ था, जब मुगल सम्राट बाबर ने अयोध्या में एक मस्जिद का निर्माण किया था। हिंदू समुदाय ने इस मस्जिद के निर्माण का विरोध किया और कहा कि यह मस्जिद भगवान राम के मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई है।

1980 के दशक में, इस विवाद ने एक नई गति पकड़ी। हिंदू समुदाय ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने और राम मंदिर का निर्माण करने की मांग शुरू कर दी। 1992 में, हिंदू समूहों ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया। इस घटना से भारत में सांप्रदायिक दंगे हुए, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। Ayodhya ram mandir

1993 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या विवाद को निपटाने के लिए एक विशेष शीर्षक याचिका समिति का गठन किया। समिति ने 2009 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि बाबरी मस्जिद का निर्माण भगवान राम के मंदिर के खंडहरों पर किया गया था।

2010 में, सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या विवाद को निपटाने के लिए एक तीन-सदस्यीय विशेष बेंच का गठन किया। विशेष बेंच ने 2019 में अपना फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि बाबरी मस्जिद का निर्माण भगवान राम के मंदिर के खंडहरों पर किया गया था।

 

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद, भारत सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया। मंदिर का निर्माण 2023 में शुरू हुआ और 2025 में पूरा हुआ।

Ayodhya ram mandir **विवाद के कारण**

अयोध्या राम मंदिर विवाद के कई कारण हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

*धर्म:** हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच धार्मिक विश्वास। हिंदू समुदाय का मानना है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण भगवान राम के मंदिर के खंडहरों पर किया गया था। मुस्लिम समुदाय का मानना है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण एक खाली स्थान पर किया गया था।

* **राजनीति:** इस विवाद को राजनीतिक दलों द्वारा भी इस्तेमाल किया गया है। हिंदू राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) जैसे हिंदू राष्ट्रवादी संगठन इस विवाद को हिंदू-मुस्लिम संघर्ष के रूप में बढ़ावा देते रहे हैं। Ayodhya ram mandir

* **सामाजिक:** इस विवाद ने भारत में सामाजिक तनाव को भी बढ़ावा दिया है। हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा हुई है।

 

**विवाद का प्रभाव**

 

अयोध्या राम मंदिर विवाद का भारत पर कई तरह से प्रभाव पड़ा है। इनमें से कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:

 

* **धर्म:** इस विवाद ने भारत में हिंदू-मुस्लिम संबंधों को प्रभावित किया है। हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया है।

* **राजनीति:** इस विवाद ने भारत की राजनीति को प्रभावित किया है। हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों ने इस विवाद का लाभ उठाया है और हिंदू वोट बैंक को मजबूत किया है।

* **सामाजिक:** इस विवाद ने भारत में सामाजिक तनाव को बढ़ावा दिया है। हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा हुई है।

Ayodhya ram mandir **भविष्य**

अयोध्या राम मंदिर विवाद का भारत पर भविष्य में भी प्रभाव पड़ने की संभावना है। इस विवाद के कारण भारत में हिंदू-मुस्लिम संबंधों में तनाव बना रह सकता है। इसके अलावा, इस विवाद का उपयोग राजनीतिक दलों द्वारा भी किया जा सकता है। Ayodhya ram mandir

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